Saturday, April 24, 2021

ये हौसला न टूटने पाये

◆ ये हिम्मत न टूटने पाये ये साहस न छूटने पाये जीवन की ज्योत संजोने का ये हौसला न टूटने पाये अब रोज युद्ध एक लड़ना है बचना हैं और सम्भलना है कहीं उखड़ रही हैं सांसें कहीं भीग रहीं हैं आंखें कहीं मौत से जीवन हार गया जैसे कोई दानव सा जाग गया अब कैसे विजय ये हो पाये ये साहस न छूटने पाये आशा जो तुमने जगाई है मृत्यु को आंख दिखाई है ये दिन हम भूलेंगे न कभी नमन करें तुम्हें आज सभी ईश्वर की छवि जो पाई है, ये सूरत प्रभु की दिखाई है छँट जाएंगे ये काले साये बस ये हिम्मत न टूटने पाये तरबतर पसीने से ये तन है चिंता में हर पल ये मन है क्या सब होंगे ठीक वहाँ परिवार मेरा जो है घर में वहाँ कब जीवन फिर से जीवन होगा? कब मैं और तुम फिर "हम" होगा? चलो इस दानव को मार गिरायें बस ये हिम्मत न टूटने पाये ★★★ प्राची मिश्रा

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