◆◆मेरा छोटा सा शहर जवान हो गया ◆◆
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया
कल तक जो भोला सा बच्चा था
और सूझबूझ में थोड़ा कच्चा था
आज बड़ा ही बेईमान हो गया
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया
जो कल मार ठहाके हँसता था
खुश बेमतलब ही जो रहता था
वो भूल गया है सब हँसना गाना
सीखा उसने खुद में ही खो जाना
बड़े बड़े ख़्वाबों की दुकान हो गया
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया
पैसों के पीछे भागना सीख गया
रिश्ते से भी अब वो ऊब गया
खुश खुद में ही रहना सीख गया
मिलता है कम अब वो यारों से
मेला सा है बाहर पर अंदर से वीरान हो गया
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया
वो चौपालें भी अब सूनी हो गईं
जहाँ सजती थी महफ़िल दीवानों की
घर जो कल कच्चे थे पर दिल के सच्चे थे
आज मकान बन गये और दिल पत्थर से हो गए
गलियों में मिलते जुलते भी अंजान हो गया
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया।
रोशनी में नहाया है पर अंदर से बड़ा काला है
झूठ की ऊँची माया है सच के मुँह पर ताला है
मन से हुआ गरीब पर तन से धनवान हो गया
जो बस्ती थी दिलवालों की आज सिटी स्मार्ट हो गया
मेरा छोटा सा शहर अब जवान हो गया
★★★
प्राची मिश्रा
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