◆◆पिया आ जाओ◆◆
ओ रे पिया अब तो आ जाओ ना
पल पल हमें तुम यूँ सताओ ना
तेरी घुँघराली लट तेरे तीखे नयन
जाने कब घर पर पड़ेंगे तेरे कोमल चरण
वो साँवल सूरतिया फिर दिखाओ ना
ओ रे पिया अब तो आ जाओ ना
न सुहाये मुझे ये कदमन की छइयाँ
वो सावन के झूले वो गोकुल की गइयाँ
सूना पड़ा है वो सारा मधुबन
तुम बिन कहीं अब ना लागे ये मन
बड़ा खारा लागे वो यमुना का पानी
कोई ना समझे ये प्रीत पुरानी
आकर फिर रास रचा जाओ ना
ओ रे पिया अब तो आ जाओ ना
जब से गये तुम न सुध ली हमारी
कैसे तुमने वो यादें बिसारीं
वो मुरली की धुन ना सुनी हमने जबसे
कैसे बताएँ कितने बेकल हैं तबसे
न भाये मुझे अब सजना सँवारना
पनघट पे जाना न माखन बिलोरना
तुम ही समझ लो आँखों से नीर का बहना
ओ रे पिया अब तो आ जाओ ना
चलो ना करो तुम प्रेम हमसे
कर लो घृणा ही सही तुम मन से
भाते बहुत हैं ये लोगों के ताने
कहते हैं हमको ,हम तेरे दीवाने
मेरा नाता एक तुझसे ही है सच्चा
बाकी हैं सारे झूठे ये नाते जहाँ के
मोहन वो प्रीत फिर लुटा जाओ ना
ओ रे पिया अब तो आ जाओ ना।
★★★
प्राची मिश्रा
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