रोहित, नैना और रीना अब और भी डरे हुए थे, कल रात के हादसे के बाद रोहित कुछ भी बोलने की हालत में नहीं था, आज उसे नैना के दर्द का एहसास हो रहा था जो उसने उस कॉटेज में झेला था, पर चुप बैठने से ये समस्या कहाँ टलने वाली थी ,उन सबको इससे निकलने का हल तो ढूंढना ही था।
रीना ने तय किया कि वो अपने तरीके से तहक़ीक़ात शुरू करेगी, उसने गूगल करके आरती सिंह के ऑफिस और घर का पता निकाला और दूसरे दिन ही उसके ऑफिस पहुँच गयी।
रीना ने अपना बॉयोडाटा लिया और इंटरव्यू देने के बहाने ऑफिस में गयी पर रिसेप्शनिस्ट से पता चला कि उनके ऑफिस में कोई हायरिंग नहीं हो रही है,पर रीना ज़िद पर अड़ गयी कि उसे एक बार सर से मिलना है उसके बाद भले ही वो चली जाएगी।
क्योंकि रीना एक बार आरती के पति से मिलना चाहती थी और समझना चाहती थी कि आखिर वो कैसा आदमी है ? और हो सकता है आरती के बारे में कुछ पता चल जाए।
बड़ी मिन्नतों के बाद रिसेप्शनिस्ट ने रीना को आरती के पति से मिलने की इजाज़त दे दी।
रीना गलियारे से चलती हुई आरती के पति के केबिन तक पहुँची पर उसे बड़ा अजीब लग रहा था,ऐसा लग रहा था कोई उसका पीछा कर रहा है ,कोई उसे हर पल घूर रहा है कि अचानक गलियारे में टँगी एक पेंटिंग ज़ोर से नीचे गिरी और उसके काँच हर ओर बिखर गए, जिसमें से एक काँच का टुकड़ा रीना के पैर पर भी चुभ गया,काँच टूटने की आवाज़ सुनकर आरती का पति अपने केबिन से बाहर आया, और रीना को संभाला, "ओ माय गॉड ,आर यू ओके"
"या या आई एम फाइन सर" रीना ने हड़बड़ाते हुए कहा और अपने पैर के घाव को निहारने लगी।
" आई थिंक तुम्हें फर्स्टएड की ज़रूरत है, तुम मेरे केबिन में चलो , आई एम अभिमन्यु श्रीवास्तव" आरती के पति ने रीना की ओर देखते हुए कहा, और रीना को अपनी केबिन में ले गया, रीना काफी डरी हुई थी पर अभिमन्यु के सामने नॉर्मल होने का नाटक कर रही थी, अभिमन्यु ने फर्स्टएड किट निकल और रीना के घाव पर पट्टी करने लगा, रीना चारों तरफ उत्सुकता से देख रही थी , अभिमन्यु केबिन काफी बड़ा और आलीशान था , तभी लाइट अचानक जलने और बुझने लगीं ,रीना और घबरा गई,
"ओफ्फो पता नहीं लाइट में क्या प्रॉब्लम आ गयी ,अभिमन्यु ने कहा "
और फोन करके रिसेप्सनिस्ट को लाइट की प्रॉब्लम को ठीक करवाने को कहा।
"ये लीजिये हो गया,क्या अब आप बेहतर महसूस कर रहीं हैं" अभिमन्यु ने रीना के कंधे पर है हाँथ रखते हुए कहा और धीरे धीरे कंधे को सहलाने लगा।
रीना को करेंट जैसा लगा, उसने अभिमन्यु का हाँथ हटाते हुए कहा
" यस आई एम ओके नाउ"
रीना अभिमन्यु के कमीनेपन को भाँप चुकी थी, abhiअब उसे अभिमन्यु से बचके काम को अंजाम देना था।
"तो बताइए क्या बात करनी थी आपको मुझसे" अभिमन्यु के आंखें मटकाते हुए कहा
"सर मुझे एक जॉब की तलाश है पर आपकी रिसेप्सनिस्ट ने बताया कि कोई वेकैंसी नहीं है, एक्चुअली आरती मैम से एक बार मेरी मुलाकात हुई थी और उन्होंने कहा था कि, मैं जब भी प्रयागराज आऊँ तो एक बार उनसे जरूर मिलूँ" रीना ने अभिमन्यु से कहा
"अच्छा कब और कहाँ मुलाकात हुई थी आपकी आरती से" अभिमन्यु ने रीना से पूछा उसके चेहरे पर अचानक हवाइयाँ उड़ने लगीं
" सर मैं उनसे दो साल पहले ऊटी में मिली थी,एक्चुअली मैं तब अपने दोस्तों के साथ छुट्टियाँ मनाने ऊटी गयी थी और उसे दौरान आरती मैडम से मुलाकात हुई थी,तब उन्होंने बताया था कि प्रयाग में उनका बिज़नेस है" रीना ने बताया
"और क्या कहा था आरती ने" अभिमन्यू ने माथे का पसीना पोंछते हुए कहा
"यही की अगर कभी मैं प्रयाग आऊँ तो उनसे जरूर मिलूँ ,और कुछ दिन बाद उनके लापता होने की न्यूज़ अखबार में पढ़ी थी"
रीना ने कहा
"तो तुम यहाँ कैसे " अभिमन्यु ने रीना से पूछा
"दरअसल मैं जॉब की तलाश में लखनऊ आयी थी वहाँ मेरा घर है ,फिर मुझे आरती मैडम का ख़्याल आया तो सोचा पता कर लेती हूँ ,शायद कोई जॉब मिल जाये " रीना ने कहा
"ओके मैं समझ गया , अब आरती तो यहाँ नहीं है,पर मैं उसकी बात जरूर रखूँगा,मैं तुम्हें कल तक कॉल करके बता दूँगा,अगर कोई वैकेंसी है तो" अभिमन्यु ने कहा
" थैंक्यू सो मच सर,और मुझे आरती मैडम के लिए बहुत अफ़सोस है,सर आप भी तो मैडम को बहुत मिस करते होंगे" रीना अब अभिमन्यू का मन पढ़ने का कोशिश कर रही थी
" हाँ बहुत याद आती है आरती,मैं आज भी उसका इंतज़ार कर रहा हूँ शायद वो वापस आ जाये ,मैंने बहुत ढूंढा उसे पर न जाने वो कहाँ चली गयी " अभिमन्यु ने अफसोस दिखाते हुए कहा
" सुनकर दुख हुआ सर,मेरी प्रार्थना है कि आरती मैडम वापस आ जाएं" रीना ने कहा
"ओके सर अब मैं चलती हूँ,आपके कॉल का इंतजार रहेगा" कहते हुए रीना उठी और चलने को हुई
"ओके ,मैं तुम्हें बाहर तक छोड़ देता हूँ" अभिमन्यु ने रीना की कमर पर हाँथ रखते हुए कहा
रीना थोड़ा असहज सी हो गयी और पीछे हटते हुए बोली," इसकी कोई आवश्यकता नहीं सर मैं चली जाऊँगी ,आप परेशान ना हों"
"इट्स ओके रीना ,कोई परेशानी नहीं " अभिमन्यु अपनी लार टपकाते हुए कहा ,की अचानक लाइट जलने बुझने लगी और एक लैंप ज़ोरदार आवाज के साथ फुट गया
अभिमन्यू और रीना चौंक गए, "ओफ्फो ये लाइट भी न, पता नहीं क्या प्रॉब्लम है" अभिमन्यु ने कहा
"सर मैं चलती हूँ" रीना ने फिर कहा
"ओके रीना , टेक केअर" अभिमन्यु ने कहा
और रीना वहाँ से निकल गयी, वो पसीने से तरबतर हो रही थी और बहुत घबराई हुई भी थी,किसी तरह वो नैना के पास पहुँची।
उसने नैना और रोहित को अभिमन्यु के कमीनेपन और ऑफिस में घटी घटनाओं के बारे में बताया, नैना ने रीना को शांत किया और सोचने लगी आगे कौन सा कदम उठाना है।
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नैना मन में एक प्लान बना चुकी थी,उसने रोहित से कहा "तैयार हो जाओ हमें मदर टेरेसा स्कूल जाना है एक और राज से पर्दा उठाना है"
"पर नैना तुम वहाँ क्या पता करोगी " रोहित ने कहा
" वही जो आरती की आत्मा वहाँ पता करने गयी थी" नैना ने कहा
नैना और रोहित स्कूल पहुँचे, और नैना ने स्कूल के चपरासी को दो हज़ार का नोट देते हुए कहा "हमें कुछ जानकारी चाहिए उसके बदले दो हज़ार और मिलेंगे, लेकिन और किसी को इसके बारे में पता नहीं चलना चाहिये,अब आप अपना कसम जानते हैं"
" मैडम क्या जानकारी चाहिए आपको" चपरासी ने कहा
" आरती सिंह वो बिज़नेस वोमेन क्या आप उनको जानते हैं और उनका इस स्कूल से क्या सम्बन्ध है क्या आप बता सकते हैं" नैना ने कहा
"आरती मैडम को मैं अच्छी तरह जानता हूँ मैडम,दरअसल मेरी घरवाली मैडम के घर में काम करती है और मैडम के बच्चे इशिता और रोहन भी तो इसी स्कूल में पढ़ते हैं" चपरासी ने बताया
" क्या बच्चे स्कूल आते हैं अभी" नैना ने पूँछा
" हाँ मैडम आते तो हैं ,पर आरती मैडम के गायब होने के बाद दोनों बच्चे बहुत उदास रहते हैं और घर पर वो जल्लाद सौतेला बाप और उसके रखैल दोनों बच्चों को परेशान करते हैं" चपरासी ने कहा
"क्या मैं बच्चों को दूर से एक बार देख सकती हूँ" नैना ने कहा
" जी देख तो सकती हैं पर अभी छुट्टी होने में टाइम है अगर आप इन्तज़ार कर सकें तो मैं आपको डोर से दिखा सकता हूँ" चपरासी ने कहा
" ठीक है मैं इंतज़ार करूंगी, आप बताईयेगा बच्चे जब बाहर आएं" नैना ने कहा
और कुछ देर बाद जब स्कूल की छुट्टी हुई तब चपरासी ने दो बच्चों की तरफ इशारा किया, आठ से दस साल के दो बच्चे बाहर आये दोनों के चेहरे मासूम और मुरझाए हुए से थे ,दोनों स्कूल से निकलकर एक कार में बैठ गए , आज नैना को आरती का मकसद कुछ कुछ समझ आ रहा था,उसका मन बहुत बेचैन हो उठा था,आज उसे आरती से हमदर्दी सी हो गयी थी ,दोनों बच्चों को देखकर नैना द्रवित हो उठी,अब चाहे जो भी हो आरती के बच्चों की मदद तो करनी ही होगी, नैना ऐसा ही कुछ मन में सोच रही थी,तभी रोहित ने कहा " नैना अब हमें चलना चाहिए"
नैना की तन्द्रा टूटी " हाँ चलो " नैना ने कहा
रोहित और नैना होटल पहुँचे और रीना को सारी बात बताई, मामला अब और भी उलझ गया था कि तभी सारी लाइटें जलने बुझने लगीं और खिड़कियाँ अपने आप खुलने बन्द होने लगीं, नैना अब जानती थी कि ये सब आरती ही कर रही है, आज वो डर नहीं रही थी क्योंकि वो जानती थी आरती ये सब क्यों कर रही है।
उसी रात जब नैना और रोहित सो रहे थे, की तभी नैना को ऐसा लग कोई उसकी चादर खींच रहा है,नैना उठकर बैठ गयी, उसे ऐसा लगा कोई रो रहा है, रात के एक बज रहे थे ,नैना उठी और रूम से बाहर आई तो देखा बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ है, धीरे धीरे बाथरूम की तरफ गई तो देखा ज़मीन पर कोई औरत नीचे सर झुकाए बैठी है और रो रही है, " क कौन हैं आप, और यहाँ क्या कर रहीं हैं" नैना ने डरते हुए कहा
तभी उस औरत ने अपना चेहरा उठाया, और ये देखते ही नैना के होश उड़ गए ये तो खुद नैना ही थी, पर वो बहुत भयावह लग रही थी ,वो तेजी से नैना की तरफ झपटी और नैना का गला दबाने लगी , नैना उसके चंगुल से निकलने की बहुत कोशिश कर रही थी पर निकल नही पा रही थी ,वो अपने हाँथ पाँव पटक रही थी , की तभी उसे रोहित की आवाज सुनाई दी , "नैना नैना क्या हुआ उठो " और नैना की आँख खुली, "क्या हुआ था नैना तुम नींद में इतना छटपटा क्यों रही थी" रोहित ने पूँछा
"रोहित मैंने बहुत बुरा सपना देखा " और नैना रोहित के गले लग कर रो पड़ी
"शांत हो जाओ नैना सब ठीक है" रोहित नैना को दिलासा देता हुआ बोला
" न जाने कब इस मनहूसियत से पीछा छूटेगा रोहित ,मैं थक चुकी हूँ ,अब बर्दास्त नहीं होता" नैना फट पड़ी और रोहित का हाँथ पकड़ कर बोली "कुछ करो रोहित, कल हम पंडित जी से मिलने चलें क्या"
"ठीक है नैना ,अभी तुम सो जाओ " रोहित ने कहा
और दूसरे दिन
रीना को अभिमन्यु का कॉल आया " रीना क्या तुम मेरे ऑफिस में आकर मुझसे मिल सकती हो एक जॉब है तुम्हारे लिए"
अभिमन्यु ने कहा
"ओके सर , मैं आ जाऊँगी" रीना ने जवाब दिया
इधर नैना और रोहित पंडित जी से मिलने गये और सारी बात बताई, तो पंडित जी ने नैना से कहा " नैना आरती की आत्मा तुमसे कुछ कहने की कोशिश कर रही है ,हमें एक विधि करके पता लगाना होगा,उसकी आत्मा को बुलाना होगा और पूँछना होगा"
"कब करनी है विधि " रोहित ने पूँछा
"कल रात करेंगे,मैं कुछ सामान बताता हूँ वो लाना होगा, और हां आरती की कोई एक चीज लानी होगी जो वो इस्तेमाल करती रही हो" पंडित जी ने कहा
तभी रीना ने कहा आज अभिमन्यू ने मुझे ऑफिस बुलाया है,मै कोशिश करूँगी की ऐसी कोई चीज ला पाऊँ जो आरती इस्तेमाल करती रही हो।
"रीना अपना ध्यान रखना और कोई भी दिक्कत हो तो हमें कॉल करना ,हम तुरंत पहुंच जाएंगे" रोहित ने कहा
"आप चिंता ना करें अभिमन्यु जैसे कमीनों को हैंडल करना जानती हूँ मैं,चलती हूँ उसके ऑफिस जाना है "रीना ने कहा
अब नैना कल रात का इंतज़ार कर रही थी
आखिर क्या कहना चाहती है आरती की आत्मा और कैसे लाएगी रीना आरती की कोई चीज,पढ़िए अगले अंक में।
क्रमशः
★★★
धन्यवाद
प्राची मिश्रा