माँ वो शब्द है जो जब भी ज़ुबान पर आता है तो दुनिया बड़ी ही खूबसूरत लगने लगती है ,माँ पुकारने में जो संतोष मिलता है जो तसल्ली मिलती है उसकी तुलना दुनिया की किसी भी चीज से नहीं की जा सकती है ,घर में घुसते ही बिना किसी काम के अगर दो बार माँ न पुकारा तो घर में आना सफल नहीं होता ,आँखों के सामने रखी कोई भी चीज बिना माँ के अगर मिल जाये तो वो आनंद कहाँ आता है ,और माँ भी जब तक दिन में चार बार डाँट ना लगा दे दिन भी तो अधूरा सा लगता है ,खाने का स्वाद माँ की खरी खोटी सुनके ही दोगुना हो जाता है , पापा की डाँट को गलत बताके जब माँ खुद बनावटी डाँट लगाती है तब जो सुकून मिलता है उसकी तुलना किसी डाँट से नहीं हो सकती है, अपना बच्चा हमेशा थोड़ा कमज़ोर ही लगता है माँ को भले ही बच्चा कितना ही मोटा हो......
पहले समय में केवल माँ जो बच्चों का प्यार और दुलार से पालन पोषण करती और उसको सही और गलत की सीख देती थी और बच्चा भी उन्ही सीखों को लेकर बड़ा हो जाता था,लेकिन अब समय बदल गया है और अब माँ को केवल ममतामयी माँ नहीं बनना है बल्कि उसे एक दस हाथ वाली और दस सर वाली देवी बनना पड़ेगा,क्यूंकि अब माँ का जीवन चुनौतियों और प्रतियोगिताओं से भरा हुआ है,जिसमें हर माँ को प्रथम आना है और इसकी जिम्मेदारी बच्चों नाज़ुक कन्धों पर होती है, इस बढ़ती आधुनिकता में माँ और बच्चों का रिश्ता बदलता जा रहा है ,हर माँ को परफेक्ट बनना है पर क्या आप सच में जानती हैं की परफेक्ट माँ की परिभाषा क्या है ,क्या आप अपने बच्चे को दूसरों के नज़रिये से देखती हैं या फिर आपको अपने बच्चे में सिर्फ अच्छाइयाँ ही नज़र आती हैं ,अगर ऐसा है तो संभल जाइये और नज़रिया बदलिये और परफेक्ट माँ नहीं अच्छी माँ बनिए।
दूसरों से पहले खुद अपने बच्चे का आंकलन कीजिये ,क्यूंकि हर बच्चा अलग होता है और उसकी क्षमताएँ भी अलग होती हैं और ये बात एक माँ से बेहतर कोई नहीं समझ सकता ,इसलिए अगर आप परफेक्ट बनने की दौड़ में हैं तो थोड़ा रुक कर सोच लें कहीं आपका बच्चा पथ पर पीछे तो नहीं छूट गया। आपका बच्चा आपका सर्वस्व है उसे परफेक्शन का सर्टिफिकेट न बनायें ,उसमें उत्साह भरें ऊर्जा भरें और सही दिशा दें और फिर देखिये आपका बच्चा आपको गौरवान्वित करेगा।
और हमेशा अच्छी माँ बनने का प्रयास करें परफेक्ट तो आप हो ही जाएँगी।
धन्यवाद
That's true....all kids are different.
ReplyDeleteCorrect...life is not competition...so try to be a good mother instead of perfect mother.
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